
अगर आपको लगता है हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है तो आपको यह पोस्ट पूरी पढ़नी चाहिए क्यों आज आपकी यह गलत फैमि दूर होने वाली है की भारत राष्ट्रीय खेल हॉकी है |
भारत में आज के समय में क्रिकेट का बहुत क्रेज़ है इस वजह से कुछ लोग क्रिकेट को भी भारत का (Bharat ka rashtriy khel ) भारत का राष्ट्रीय खेल समझते है | तो आइये हम आपकी गलत फैमि को दूर करते है और जानते है आखिर भारत का राष्ट्रीय खेल कौनसा है |
क्या भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है ?
अधिकतर लोक हॉकी को ही भारत का राष्ट्रीय खेल समझते है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं यही भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी नहीं है। हाल ही में भारत सरकार इस बात की जानकारी जानकारी दी थी की भारत का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहींहै।
हॉकी को क्यों माना जाता है राष्ट्रीय खेल ?
फिर भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी को क्यों मन जाता है। दरअसल 1928 से1956 तक का समय भारत में हॉकी का स्वर्णिम काल कहा जाता है। 1928 मेंभारत हॉकी में विश्व विजेता बना और 1956 तकभारत ने हॉकी में आपकी बादशाहत कायम रख्खी और कई ओलम्पिक गेमों में स्वर्ण अपने नाम किये इसी वजह हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल समझा जाने लगा। लेकिन अभी कोई भी गेम हमारा राष्ट्रीय खेल नहीं है।
RTI से हुआ खुलासा भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं
सन 2020 महाराष्ट्र के धुले जिले के एक शिक्षक ने RTI माध्यम से यह जानना चाहा की हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल कब घोसित किया गया | जिसके बाद खेल मंत्रालय का जो जवाब आया उससे सभी चौक गए | खेल मंत्रालयने अपने जवाब में कहा की भा रतका officially तौर पर कोई खेलराष्ट्रीय खेल नहींहै, इसकी वजह है हमारे यहाँ सभी लोक प्रियखे लो को बढ़ा वदेना है ।
भारत के लोक प्रिय खेल कौन कौन से है | Famouse Games of india
प्राचीन कल से लेकर आधुनिक कल तक भारत में अनेको खेल खेले जाते रहे है। समय समय पर खेलो में लोगो की रूचि बदलती रहती है आज के समय में क्रिकेट , हॉकी , फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, टेनिस, कुश्ती, बॉक्सिंग, टेबल टेनिस, मोटरस्पोर्ट, तीरंदाजी, तैराकी, खो खो, शतरंज, भारोत्तोलन, शूटिंग, बास्केटबाल, जैसे खेल भारत में प्रसिद्ध है।
भारतीय हॉकी टीम ने अपना पहला गोल्ड मैडल कब जीता | When did India won its first Olympic gold medal in hockey
1928 से 1956 तकका समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णिम कॉल के रूप में जाना जाता है | 1928 केएम्स्टर्डम खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने अपना पहला गोल्ड मैडल यानि स्वर्ण पदक जीता और लगातार 1956 तकओलंपिक में भारतीय पुरुष टीम नाबाद रही, और भारतीय हॉकी टीम ने लगातार 6 छह स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा भारतीय हॉकी टीम ने एशियाई खेलों में तीन बार स्वर्ण पदक जीते।
भारतीय हॉकी टीम ने अब तक कुल कितने पदक जीते है
भारतीयहॉकीटीमनेअबतककुल 12 पदकजीतेहै
1 स्वर्ण 1928 – एम्स्टर्डैम, नीदरलैंड्स
1 स्वर्ण 1932 – लॉसएंजेलेस, संयुक्त राज्य अमेरिका
1 स्वर्ण 1936 – बर्लिन, जर्मनी
1 स्वर्ण 1948 – लंदन, यूनाइटेड किंगडम
1 स्वर्ण 1952 – हेलसिंकी, फिनलैंड
1 स्वर्ण 1956 - मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
2 रजत 1960 – रोम, इटली
1 स्वर्ण 1964 – टोक्यो, जापान
3 कांस्य 1968 - मेक्सिकोसिटी, मेक्सिको
3 कांस्य 1972 – म्यूनिख, जर्मनी
1 स्वर्ण 1980 - मॉस्को, सोवियत रूस
3 कांस्य 2020 – टोक्यो, जापान
हॉकी के 10 प्रसिद्ध राष्ट्रीय खिलाड़ियों के नाम
वैसे तो भारतीय हॉकी टीम के प्रसिद्ध खिलाड़ियों की लिस्ट बहुत बड़ी है लेकिन यहाँ हमआपको 10 सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों के नाम बताने जा रहे है जो की इस प्रकार है।
1 मेजर ध्यानचंद :
मेजर ध्यानचंद हॉकी के सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक है।
जैसे की हमने पहले ही बताया की 1928 सेलेकर 1956 काका दौर भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णिम दौर के रूप में जाना जाता है। इस दौर में सबसे महान खिलाड़ि ओ में से एक थेमेजर ध्यानचंद इनकी बदौलत भारतीयहॉकी टीमने 1928, 1932 और 1936 केओलंपिक खेलो में गोल्ड मेडल जीते थे।मेजर ध्यानचंदजी के खेल से बहुत लोक प्रभावित होते थे वो जब भी मैदान में उतारते थे उनकी चुस्ती फुर्ती देखने लायक होती थी।
2 बलबीर सिंह सीनियर:
भारतीय हॉकी के प्रसिद्धखिलाड़िओ की लिस्ट में अगलानाम बलबीर सिंह सीनियर का आता है।उन्होंने भारतीय हॉकी टीम के लिए तीन बार गोल्ड मेडल जीते सन 1948, 1952 और 1956 मेंजीत हासिल की।इसकेअलावा 1958 और1962 मेंएशियन गेम्स में भी उन्होंने भारत को सिल्वर मेडल दिलाने में भी काफी अहम रोलनिभाया था।
3 लेस्ली क्लॉडियस:
लेस्ली क्लॉडियस भारतीय हॉकी टीम के प्रसिद्ध खिलाडी तेह उनका जन्म का जन्म छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 25 मार्च 1927 को हुआ था । लेस्ली क्लॉडियस पहले फुटबॉल खेलते थे लेकिन बाद में उन्होंने हॉकी पर अपना ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है
लेस्ली क्लॉडियस 1948 के लंदन ओलंपिक, 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक और 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे क्लॉडियस ने वर्ष 1960 के रोम ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी की, रोम ओलिंपिक में भारत ने रजत पदक प्राप्त किया था।
लेस्ली क्लॉडियस को भारत सरकार ने 1971 में पद्मश्री पुरूस्कार से भी सम्मानित किया था।
4 ऊधम सिंह:
भारतीय हॉकी टीम के प्रसिद्ध खिलाड़िओ की लिस्ट में उधम सिंह का नाम भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय हॉकी टीम में उधम सिंह का बहुत महत्वपूर्ण है। उधम सिंह का जन्म 4 August 1928 को पंजाब के जालंधर जिले के छोटे से गांव संसारपुर में हुआ था। उन्होंने भारतीय हॉकी टीम के लिए तीन स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। वे 1952, 1956,1960,1964 में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य के रूप में खेले थे। इसके अलावा वे 1968 मेंमैक्सिको में हुए ओलंपिक खेलो में भारतीय टीम के प्रशिक्षक भी थे।
5 मोहम्मद शाहिद:
मोहम्मद शाहिद भारतीय हॉकी टीम के प्रसिद्ध खिलाड़िओ में से एक है। उनका जन्म 14 अप्रैल1960 में हुआ था। वे वर्ष 1980 मेंमॉस्को के ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे थे। इसके अलावा, वह वर्ष 1982 केएशियन गेम्स में रजत पदक और 1986 केएशियाड खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। उन्हें वर्ष 1980-81 मेंअर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1986 मेंपद्मश्री से सम्मानित किया था।
6 अजीत पाल सिंह :
अजीत पाल सिंह भारतीय हॉकी टीम के प्रसिद्ध खिलाडी थे उनका जन्म 15 मार्च, 1947, जालंधर, पंजाब में हुआ था। अजीत पाल सिंह ने तीन बार ओलम्पिक खेलो में बैग लिया। अजीत पाल सिंह 1975 मेंविश्वकप जीतने वाली टीम के कप्तान थे। उन्हें 1970 मेंअर्जुन पुरुष्कार और 1992 नेपद्मश्री से नवाजा गया था।
7 अशोक कुमार:
अशोक कुमार का जन्म 1 जून 1950 मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था , वे भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाडी मेजर ध्यानचंद के बेटे है, अशोक तीन बार विश्वकप खेले और वे सन 1975 मेंविश्वकप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। अशोक कुमार ने कई पदक जीते। उन्हें भारत सरकार ने 1974 मेंअर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था।
8 धनराज पिल्लै:
धनराज पिल्लै हॉकी के बड़े खिलाड़िओ में से एक है। 90 के दशक में वे दुनिया के बेहतरीन अटैकर के रूप में जाने जाते थे। 1998 मेंउनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने 2003 मेंएशिया कप का किताब भी दिलाया था। धनराज पिल्लै ने 4 ओलंपिक, 4 वर्ल्डकप , 4 एशियनगेम्स और 4 चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
9. गगन अजीत सिंह:
गगन अजीत सिंह हॉकी का दूसरा नाम कहे जाते थे। उनका जन्म 9 December 1980 में पंजाब के फ़िरोज़पुर में हुआ था। वे प्रसिद्ध खिलाडी अजीत सिंह के बेटे थे। उनकी कप्तानी में भारतीय जूनियर टीम ने 2001 मेंजूनियर हॉकी विश्व कप जीता था। गगन अजीत सिंह को भारत सरकार ने 2002 मेंअर्जुन अवार्ड से नवाजा था।
10 केडी सिंह बाबू :
केडी सिंह बाबू हॉकी के महान खिलाड़िओ में से एक थे। केडी सिंह बाबू का पूरा नाम कुँवर दिग्विजय सिंह बाबू थाम था। केडी सिंह बाबू ने सोलह साल तक उत्तरप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। 1948 मेंहुए ओलिम्पिक में वह भारतीय टीम के उपकप्तान थे वही 1952 मेंहेलसिंकी ओलिम्पिक में उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :
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